भारतीय संविधान
- K.K. Lohani
- Jul 7, 2018
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Updated: Mar 16, 2021

भारतीय संविधान
संविधान क्या है ?
किसी भी देश का संविधान उसकी राजनीतिक व्यवस्था का वह बुनियादी ढ़ांचा होता है जिसके अंतर्गत उसकी जनता शासित होती है।
यह राज्य की कार्यपालिका, विधायिका, न्यायपालिका जैसे प्रमुख अंगो की स्थापना करता है तथा उनकी शक्तियों की व्याख्या करता है उसके दायित्वों का सीमांकन करता है और उनके पारम्परिक तथा जनता के साथ सम्बन्धो का विनियमन करता है।
संवैधानिक विधि
विशेष रूप से इनका सरोकार राज्य के विभिन्न अंगो के बीच और संघ तथा इकाइयो के बीच शक्तियो के वितरण के ढ़ांचे की बुनियादी विषताओ से होता है।
भारत का संविधान
संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को अंगीकार किया गया था।
यह 26 जनवरी 1950 से पूर्णरूपेन लागु हो गया।
संविधान में 22 भाग, 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचीयां थी।
किन्तु सन्दर्भ में सुभीते की दृष्टी से संविधान के भागो और अनुच्छेदो की मूल संख्याओ में परिवर्तन नहीं किया गया।
वर्तमान समय में गणना की दृष्टि के कुल अनुच्छेद वस्तुतया 448 हो गया है अनुचियाँ 8 से बढ़कर 12 हो गई है।
पिछले 53 वर्षों में 94 संविधान संशोधन विधेयक पारित हो चुके है।
संविधान के श्रोत
राज्य के निति निर्देशक तत्वों के अंतर्गत ग्राम पंचायतो के संगठन का उल्लेख स्पस्ट रूप से महात्मा गाँधी तथा प्राचीन भारतीयों स्वशासी संस्थानों से प्रेरित होकर किया गया था जिसे 73वे तथा 74वे संविधान संसोधन अधिनियमों ने उन्हें अब और अधिक सार्थक तथा महत्वपूर्ण बना दिया है।
उल्लेखनीय है की नेहरु कमिटी की रिपोर्ट में जो 19 मूल अधिकार शामिल किये गए थे उनमे से 10 को भारत के संविधान में बिना किसी खास परिवर्तन के शामिल कर लिया गया।
मूल संविधान में मूल कर्तव्यो का कोई उल्लेख नहीं था किन्तु बाद में 1976 में संविधान (42वा) संसोधन अधिनियम द्वारा इस विषय पर भी एक नया अध्याय संविधान में जोर दिया गया।
संविधान का लगभग 75% अंश भारत शासन अधिनियम 1935 से लिया गया था।
राज्य व्यवस्था का बुनियादी ढ़ांचा तथा संघ एवं राज्यों के संबंधो, आपात स्थिति की घोषणा आदि को विनियमित करनेवाले उपबंध अधिकांशतः 1935 के अधिनियम पर आधारित थे।
निदेशक तत्व की संकल्पना आयरलैंड के संविधान से ली गई है।
विधायिका के प्रति उत्तरदायी मंत्रियो वाली संसदीय प्रणाली अंग्रेजो से आई और राष्ट्रपति में संघ की कार्यपालिका शक्ति तथा संघ के रक्षा बलो का सर्वोच्च समादेश निहित करना और उपराष्ट्रपति को राज्य सभा का पदेन सभापति बनाने के उपबंध अमरीकी संविधान पर आधारित थे।
संघीय ढ़ांचे और संघ तथा राज्यों के संबंधो एवं संघ तथा राज्यों के बीच शक्तियों के वितरण से सम्बंधित उपबंध कनाडा के संविधान से प्रभावित है।
सप्तम अनुसूची में समवर्ती अनुसूची, व्यापार, वाणिज्य तथा समागम, वित्त आयोग और संसदीय विशेषाधिकार से सम्बंधित उपबंध, आस्टेलियाई संविधान के आधार पर तैयार किये गए है।
आपात स्थिति से सम्बंधित उपबंध अन्य बातों के साथ-साथ जर्मन राज्य संविधान द्वारा प्रभावित हुए थे।
न्यायिक आदेशो तथा संसदीय विशेषाधिकारो के विवाद से सम्बंधित उपबंधो की परिधि तथा उनके विस्तार को समझने के लिए अभी भी ब्रिटिश संविधान का सहारा लेना परता है।
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