केन्द्र शासित प्रदेश दादर और नागर हवेली एवं दमन और दीव
- K.K. Lohani
- Oct 27, 2020
- 2 min read
Updated: Mar 18, 2021

केन्द्र शासित प्रदेश दादर और नागर हवेली एवं दमन और दीव
केन्द्रशासित प्रदेश का नया नाम – दादर और नागर हवेली और दमन और दीव (ये सभी चारो क्षेत्र वेलहा गोवा में पुर्तगाली भारत का हिस्सा थे।)
दीव मुम्बई के समीप अरब सागर में एक द्वीप है जबकि दमन गुजरात राज्य के वलसाड जिला के नजदीक स्थित है।
‘नगर हवेली’ गुजरात एवं महाराष्ट्र के बीच स्थित है।
‘दादरा’ चारों तरफ से गुजरात से घिरा है तथा नगर हवेली से 1 किमी. उत्तर—पश्चिम में है।
दादरा और नागर हवेली मुख्य रूप से ग्रामीण तथा जनजातीय क्षेत्र हैं।
दादरा और नागर हवेली का निकटतम रेलवे स्टेशन सिलवासा से लगभग 18 किमी॰ की दूरी पर ‘वापी’ में है। वापी, मुम्बई-अहमदाबाद रेलमाग से जुड़ा है।
दादरा और नागर हवेली निकटतम हवाई अड्डा मुम्बई है।
दमन और दीव दोनों ही हवाई अड्डे हैं। दीव वायु सेवाओं से जुड़ा हुआ है तथा मुम्बई से दीव तक की लगातार वायु सेवाएँ उपलब्ध है।
दमन और दीव से कोई रेल सम्पर्क नहीं है। दमन का निकटतम रेलवे स्टेशन वापी है, जोकि पश्चिमी रेलवे में मुम्बई-दिल्ली मार्ग पर है।
दीव का समीपवर्ती रेलवे स्टेशन मीटर गेज में दलवाड़ा है।
दादरा और नगर हवेली एवं दमन और दीव के बीच की दूरी 35 किमी. है।
दमन एवं दीव के बीच खम्भात की खाड़ी एवं अरब सागर स्थित है।
दीव दो पुलों से जुड़ा हुआ द्वीप है, जिनमें से एक ताड़गाँ तथा दूसरा घोघला गाँव के पास है। गुजरात का जूनागढ़ दीव का पड़ोसी जिला है।
दादर और नागर हवेली एवं दमन और दीव का विलय
दादर और नागर हवेली एवं दमन और दीव को भारत के संविधान के अनुच्छेद 240(2) के आधार पर भारत के केंद्र शासित प्रदेश के रूप में प्रशासित किया गया है।
दो केन्द्रशासित प्रदेशों दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव के विलय हेतु दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव (केन्द्रशासित प्रदेशों का विलय), विधेयक 2019 केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री जी. कृशन रेड्डी द्वारा संसद में पेश किया गया।
यह विधेयक 27 नवम्बर, 2019 को लोक सभा से तथा 3 दिसम्बर 2019 को राज्य सभा से पारित हुआ।
9 दिसम्बर, 2019 को राष्ट्रपति के स्वीकृति के बाद 26 जनवरी 2020 से दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव का विलय एक केन्द्रशासित प्रदेश के रूप में प्रभावी हो गया।
विलय का मुख्य उद्देश्य न्यूनत्तम सरकार, अधिकत्तम शासन है।
ऐतिहासिक तथ्य
सन् 1779 में मराठा सरकार ने दादर और नागर हवेली पुर्तगालियों को सौंप दिए थे। जिससे उन्हें 12000 रुपए का वार्षिक राजस्व प्राप्त होता था।
1779 से 1954 तक दादरा और नगर हवेली पुर्तगालियों के अधीन रहा तथा 1954 में मुक्त होने के बाद 11 अगस्त, 1961 को भारत का केन्द्रशासित प्रदेश बना।
दमन और दीव तथा गोआ को सन् 1961 में पुर्तगालियों से मुक्त कराया गया। मुक्त होने के बाद 1987 तक दमन एवं दीव गोआ का हिस्सा था।
30 मई, 1987 को 25वें राज्य के रूप में गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया तथा 57वें संविधान संशोधन द्वारा गोआ से अलग होकर दमन एवं दीव केन्द्रशासित प्रदेश बना।
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