केन्द्रीय आम बजट : 2020-21
- K.K. Lohani
- Feb 21, 2020
- 6 min read
Updated: Mar 11, 2021

केन्द्रीय आम बजट : 2020-21
वित्त मंत्री निर्मला सीमारमण ने 1 फरवरी, 2020 को लोक सभा में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आम बजट पेश किया। उन्होंने बजट को प्रौद्योगिकी और युवा वर्ग के विकास पर केन्द्रीत बताया। इस बजट के तीन प्रमुख भाग है : पहला – अकांक्षी भारत यानी शिक्षा स्वास्थ्य और रोजगार पर विशेष ध्यान, दूसरा – सबके लिए आर्थिक विकास एवं तीसरा – संरक्षित समाज।
बजट 2020-21 महत्त्वपूर्ण बातें
व्यक्तिगत आयकर की एक नई व्यवस्था
5 लाख तक की वार्षिक आय पर कोई कर नहीं लगेगा।
5 लाख से 7-5 लाख तक की आय पर 10 प्रतिशत और 7.5 से 10 लाख तक की वार्षिक आय पर 15 प्रतिशत की दर लागू होगी।
10 लाख से 12.5 लाख तक की वार्षिक आय पर 20 प्रतिशत की दर से कर लगेगा।
12.5 लाख से 15 लाख तक आमदनी पर 25 प्रतिशत और 15 लाख से ऊपर की आमदनी पर 30 प्रतिशत की दर से कर देना होगा।
नई टैक्स व्यवस्था के तहत इसमें कोई डिडक्शन शामिल नहीं होगा, जो डिडक्शन लेना चाहते है वों पुरानी दरों से टैक्स दे सकते है।
स्टार्टअप प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए टैक्स में रियायत दी गई है।
करारोबार की सीमा 25 करोड़ से बढ़ाकर 100 करोड़ की गई है।
शिक्षा और कौशल विकास
2020-21 में शिक्षा क्षेत्र के लिए 99300 करोड़ रुपये और कौशल विकास के लिए 3000 करोड़ रुपये आवंटित किए गये है।
शहरी स्थानीय निकाय युवा इंजीनियरों के लिए एक वर्ष तक का इंटर्नशिप उपलब्ध कराए जायेेंगे।
देश में 100 शीर्ष संस्थानों द्वारा डिग्री स्तर का ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रम चलाया जाएगा।
स्टडी इन इंडिया कार्यक्रम के तहत एशियाई और अफ्रीकी देशों में इन्ड-सैट आयोजित करने का प्रस्ताव है।
राष्ट्रीय पुलिस विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय न्यायिक विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी।
स्वास्थ्य एवं पोषण
स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बजट में 69000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जिसमें प्रधानमंत्री जन अरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) के लिए 6400 करोड़ रुपये रखे गए है।
मिशन इन्द्रधनुष के तहत पांच नये टीकों सहित 12 बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए काम किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत 20 हजार से अधिक अस्पतालों को पैनलबद्ध किया गया है।
PPP मॉडल के तहत अस्पतालों की स्थापना का भी प्रस्ताव है।
‘टीवी हारेगा, देश जीतेगा’ अभियान के तहत 2025 तक देश से टीबी को समाप्त करने के लिए सरकार गंभीरता से प्रयास करेगी।
जन औषधि केन्द्र योजना के तहत 2024 तक सभी जिलों में 1000 केन्द्र स्थापित करके 2000 औषधियों तथा 300 सर्जिकल सामान की उपलब्धता का प्र्रस्ताव है।
बुनियादी ढांचे में सुधार
इस बजट में जम्मू-कश्मीर के लिए 30757 करोड़ रुपये तथा केन्द्रशासित प्रदेश लद्दाख के विकास के लिए 5958 करोड़ रुपये आवंटित की गई है।
परिवहन को बेहतर बनाने के लिए 1.7 लाख करोड़ खर्च का प्रस्ताव किया गया है।
उड़ान योजना के तहत 2024 तक 100 नये हवाई अड्डे विकसित होंगे।
2024 से पहले 6000 किमी. राजमार्गों और 4000 किमी. सड़कों का निर्माण होगा।
कृषि और किसान कल्याण
सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने, बागवानी, अन्नाज भंडारण, पशुपालन और नीली अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने पर केन्द्रित 16-सूत्री योजना की घोषणा की गई है।
प्रधानमंत्री आवास बीमा योजना के तहत 6 करोड़ से अधिक किसानों का बीमा किया गया।
प्रधानमंत्री किसान योजना के सभी पात्र लाभार्थियों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना के तहत लाने का प्रस्ताव किया गया है।
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 15 लाख करोड़ के कृषि ऋण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
जल्द खराब होने वाले खाद्य पदार्थों के शीघ्रता से परिवहन के लिए विशेष ‘किसान रेल’ और ‘किसान उड़ान’ योजना शुरू करने का प्रस्ताव है।
प्रधानमंत्री KUSUM (किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान) योजना के अंतर्गत बिजली ग्रिड से नहीं जुड़े सौर पम्पों को बढ़ावा देने की योजना के तहत 20 लाख किसानों को शामिल किया जाएगा।
2025 तक दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए दुग्ध प्रसंस्करण क्षमता 53.5 मिलियन मीट्रिक टन से दुगुना करके 108 मिलियन मीट्रिक टन की जाएगी।
वर्ष 2024-25 तक मत्स्य निर्यात को 1 लाख करोड़ तक पहुँचाना है।
वर्ष 2022-23 तक देश में 200 लाख टन मत्स्य उत्पादन का लक्ष्य है।
3,477 मित्रों और 500 मत्स्य पालन कृषक संगठनों द्वारा युवाओं को मत्स्य पालन क्षेत्र से जोड़ा जायेगा।
समाज कल्याण/महिला एवं बाल विकास
महिला विशेष कार्यक्रमों के लिए 28,600 करोड़ आवंटित करने का प्रस्ताव किया गया है।
वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए पोषण से संबंधित कार्यक्रमों के लिए 35,600 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
अनुसूचित जातियों और अन्य पिछड़ें वर्गों के कल्याण के लिए 85,000 करोड़ तथा अनुसूचित जनजाति के कल्याण के लिए 53,700 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
वरिष्ठ नागरिकों एवं दिव्यांगों के कल्याण के लिए 9500 करोड़ आवंटित किया गया है।
रक्षा बजट
बजट 2020 में रक्षा बजट में 6 प्रतिशत की बढ़ोंत्तरी की गई है। यह अब 3.37 लाख करोड़ हो गया है। पिछले साल तक यह 3-18 लाख करोड़ रूपये था। रक्षा क्षेत्र में दी जाने वाली पेंशन को जोड़ ले तो यह 4.7 लाख करोड़ रूपये हो गया है।
इस बार रक्षा क्षेत्र का पेंशन बजट 1.33 लाख करोड़ रूपये है। हथियारों की खरीद और आधुनिकरण के लिए 1,10,734 करोड़ दिए गये है।
रेलवे बजट
केंद्रीय बजट में रेलवे को 70,000 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता आवंटित की गई है। इस वित्तीय वर्ष के दौरान रेलवे के लिए कुल 1.61 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का प्रावधान किया गया है।
सरकार का चुनिंदा मेल एक्सप्रेस और मालगाडि़यों के जरिए जल्द खराब होने वाले सामान की ढुलाई के लिए रेफ्रिजरेटेड पार्सल बैन का भी प्रस्ताव है।
24000 किमी. ट्रेन को इलेक्ट्रोनिक बनाया जायेगा। तेजस ट्रेन की संख्या को बढ़ाया जायेगा।
पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) के माध्यम से चार स्टेशनों की पुनर्विकास परियोजनाओं और 150 यात्री ट्रेनों का संचालन किया जायेगा।
स्वच्छ भारत और जल जीवन मिशन
2020-21 के बजट में स्वच्छ भारत मिशन के लिए लगभग 12,300 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
सभी घरों को पाइपलाइन के जरिए जलापूर्ति के लिए ‘जल जीवन मिशन’ को 3.60 लाख करोड़ दिए गए हैं।
जल संकट से जूझ रहे देश के 100 जिलों के लिए सरकार विस्तृत योजना लाएगी।
सबके लिए मकान का लक्ष्य
सबके लिए सस्ते मकान का लक्ष्य हासिल करने के लिए आवास ऋण के ब्याज भुगतान पर मिलने वाली 3.5 लाख रुपये तक के टैक्स छूट को 31 मार्च 2021 तक के लिए बढ़ा दिया है।
देश में सस्ते आवास की आपूर्ति बढ़ाने के लिए टैक्स हॉलीडे का लाभ उठाने के वास्ते सस्ती आवास परियोजनाओं के अनुमोदन की तिथि में भी एक वर्ष की बढ़ोत्तरी करने का प्रस्ताव है।
गैर राजनीतिक पदों पर नियुक्ति के लिए राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी
इस बजट में अराजपत्रित पदों पर भर्ती के लिए साझा योग्यता परीक्षा का प्रस्ताव किया गया है।
इस पहल के तहत सरकार ने बजट में गैर राजपत्रित पदों पर नियुक्ति के लिए ऑनलाइन परीक्षा करवाने के मकसद से राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी बनाने की घोषणा की गई है।
आम बजट 2020-21: मुख्य बिन्दु
वर्ष 2020-21 के लिए अनुमातिन प्राप्तियाँ 22.4 लाख करोड़ रुपये है। व्यय का संशोधित अनुमान 30.32 लाख करोड़ रुपये है। राजकोषीय घाटा 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
2019 में सरकार का ऋण घटकर सकल घरेलू उत्पाद का 48.7 प्रतिशत हो गया है।
निवेशकों को राहत देने के लिए लाभांश वितरण कर हटाने का प्रस्ताव है।
कॉरपोरेट कर दर को 15 प्रतिशत के स्तर पर लाया गया है।
दो वर्ष में 60 लाख से अधिक करदाताओं को प्रक्रिया से जोड़ा गया है।
भारत अभी विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
सार्वजनिक बैंकों में सुधार: 10 बैंकों को 4 बैंको में परिणत किया गया और 3,50,000 करोड़ की पूँजी लगाई गई।
बैंकों में जमा राशि पर बीमा सुरक्षा का दायरा एक लाख रुपये से बढ़ाकर पाँच लाख रुपये किया गया।
दीनदयाल अंत्योदय योजना-गरीबी उन्मूलन के लिए 58 लाख एसएचजी के साथ 0.5 करोड़ परिवारों को जोड़ा गया।
2020-21 में बिजली एवं नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए 22000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है।
राष्ट्रीय गैस ग्रिड को वर्तमान के 16,200 किमी. से बढ़ाकर 27,000 किमी. करने की घोषणा की गयी है।
उद्योग और वाणिज्य के विकास के संवर्धन के लिए वर्ष 2020-21 के लिए 27,300 करोड़ आवंटित किए गए है।
आईकॉनिक पर्यटन गंतव्य को जोड़ने के लिए तेजस जैसी ट्रेनें।
2020-21 में भारतनेट कार्यक्रम के लिए 6000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे और दो अन्य पैकेज 2023 तक पूरे हो जाएँगे।
चेन्नई-बेंगलुरु एक्सप्रेस-वे की शुरूआत होगी।
पर्यटन क्षेत्र के लिए वर्ष 2020-21 हेतु 2500 करोड़ रुपये आवंटित किए जाने का प्रस्ताव किया गया है।
वर्ष 2020-21 के लिए संस्कृति मंत्रालय हेतु 3150 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया गया है।
भारत में 2022 में आयोजित होने वाले जी-20 की अध्यक्षता के लिए तैयारियाँ शुरू करने हेतु कुल 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गये है।
आईआईएफसीएल तथा एनआईआईएफ जैसी अवसंरचना वित्त कंपनियों की सहायता के लिए 22,000 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे।
देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) वर्ष 2014-19 के दौरान बढ़कर 284 बिलियन डॉलर हो गया, जो पिछले पाँच वर्षों में 190 बिलियन डॉलर था।
IPO के माध्यम से LIC में सरकारी हिस्सेदारी का एक हिस्सा बेचने का प्रस्ताव दिया गया है।
वर्ष 2020-21 के लिए पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन हेतु 4400 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।
सीमा शुल्क को फुटवियर पर 25% से बढ़ाकर 35% करने और फर्निचर वस्तुओं पर 20% से बढ़ाकर 25% करने का प्रावधान किया गया है।
न्यूज प्रिंट और हल्के कोटेड पेपर के आयात पर बुनियादी आयात शुल्क को 10% से घटाकर 5% किया गया है।
बजट 2020-21 का सार: प्रमुख आँकड़े
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