संयुक्त राष्ट्र संघ
- K.K. Lohani
- May 12, 2019
- 2 min read
Updated: Mar 21, 2021

संयुक्त राष्ट्र संघ
संयुक्त राष्ट्र संघ UNO की स्थापना 24 अक्टूबर, 1945 ई॰ को हुई थी जिसका मुख्य उद्देश्य विश्व शांति एवं सुरक्षा बनाए रखना है।
UNO का मुख्यालय अमरीका के न्यूयार्क शहर के मैनहट्टन द्वीप पर 17 एकड़ जमीन पर 39 मंजिल का है जिसके लिए भूमि जाॅन डी॰ राॅकफेलर ने दान में दी थी।
‘संयुक्त राष्ट्र’ नाम अमरिकी राष्ट्रपति फ्रेंकलिन डी॰ रूजवेल्ट ने दिया था।
UNO दिवस 24 अक्टूबर को मनाया जाता है।
UNO की वर्तमान सदस्य देशों की संख्या 193 है जिसका 193वाँ देश ‘द॰ सूडान’ है।
भारत UNO का सदस्य वर्ष 1945 से है।
UNO के संविधान चार्टर (Charter) है जिसमें कुल 111-अनुच्छेद तथा 19-अध्याय है।
UNO की अधिकृत 6 भाषाओं (अंग्रेजी, फ्रेंच, चीनी, अरबी, रूसी तथा स्पेनिश) में अंग्रेजी एवं फ्रेंच कार्यकारी भाषाएँ है।
UNO के कार्यपालिका को सुरक्षा परिषद् तथा व्यवस्थापिका को महासभा (General Assembly) कहते है।
सुरक्षा परिषद् में कुल 15 सदस्य होते है जिनमें 5 स्थायी तथा 10 अस्थायी होते है।
अस्थायी सदस्यों का कार्यकाल 2 वर्ष होता है।
सुरक्षा परिषद् के 5 स्थायी सदस्य देश है – अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, फ़्रांस एवं रूस।
सुरक्षा परिषद् दुनिया का पुलिस मैन कहलाता है।
सर्वप्रथम ‘वीटो’ का प्रयोग अमेरिका ने मार्च, 1971 में रोडेशिया के प्रश्न पर किया था।
‘वीटो’ स्थायी सदस्यों को प्राप्त एक निषेधात्मक शक्ति है जिसका सवार्धिक बार प्रयोग करने वाला देश रूस है।
संयुक्त राष्ट्रसंघ के प्रमुख अंग 6 है।
UNO की प्रथम बैठक 10 जनवरी, 1946 को लंदन में तथा महासभा की पहली बैठक अक्टूबर, 1952 में हुई थी।
UNO का प्रधान महासचिव (General Secretary) होता है।
UNO के प्रथम महासचिव त्रिग्वेली (नार्वे) थे।
प्रथम एशियाई महासचिव यूथांट (बर्मा) थे।
संयुक्त राष्ट्रसंघ के वर्तमान (9वाँ) महासचिव एनटोनियो गुतरेस (पुर्तगाल) है।
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय की स्थापना 3 अप्रैल, 1946 ई॰ को हेग (नीदरलैण्ड) में हुई, जहाँ इसका मुख्यालय है।
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में न्यायाधीशों संख्या 15 है जिनका कार्यकाल 9 वर्षों का होता है।
संयुक्त राष्ट्रसंघ की प्रथम महिला अध्यक्ष श्रीमति विजयलक्ष्मी पंडित (1953) थी।
UNO में सर्वप्रथम हिन्दी में भाषन देने वाले प्रथम व्यक्ति अटल बिहारी बाजपेयी है।
UNO दिवस पर साधारण सभा में अपना कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाली प्रथम भारतीय महिला एम॰ एस॰ सुबुलक्ष्मी (1966) है।
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