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One Liner Daily GKGS

  • Writer: K.K. Lohani
    K.K. Lohani
  • May 16, 2021
  • 4 min read


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Daily GKGS

Series-1

1. चोल राजाओं की राजधानी कहाँ थी?

(A) मैसूर

(B) तक्षशिला

(C) तंजौर

(D) मुरादाबाद


Answer : (A) तंंजौर

  • चोल के विषय में प्रथम जानकारी पाणिनी कृत अष्टध्यायी से मिलती है।

  • क्षेत्र विस्तार — आधुनिक कावेरी नदी घाटी, कोरोमण्डल, त्रिचनापली एवं तंजौर तक विस्तृत था।

  • प्रमुख शासक— करिकाल, राजराज प्रथम, राजेन्द्र प्रथम आदि।

प्रश्न के ऑप्शन से सम्बंधित अन्य मह्त्वपूर्ण तथ्य

(A) मैसूर

  • मैसूर कर्नाटक का दूसरा सबसे बड़ा शहर है।

  • कृष्ण राज सागर बाँध मैसूर में स्थित है। इसका निर्माण कावेरी नदी पर किया गया है।

  • कृष्ण राज सागर बांध का नक्सा श्री एम. विश्वेश्वरैया ने बनाया था और इसका निर्माण कृष्णराज वुडेयार चतुर्थ के शासनकाल में हुआ।

  • प्रसिद्ध वृंदावन गार्डन मैसूर में है जो कृष्ण राज सागर बांध के ठीक नीचे है। यहाँ एक म्युजिकल फब्बारा काफी लोकप्रिय हैं।

  • भारतीय रेलवे का 'क्षेत्रीय रेल संग्रहालय’ नई मैसूर तथा 'राष्ट्रीय रेल संग्रहालय’ नई दिल्ली में है।

  • भारत में सर्वप्रथम रेल की शुरूआत 16 अप्रैल, 1853 ई॰ में मुम्बई से थाणे (34 किमी॰) के बीच लॉर्ड डलहौजी के शासन काल में प्रारंभ हुई थी। जिसका नाम 'ब्लैक ब्यूटी’ था।

  • डलहौजी का शासनकाल 1848 से 1856 ई. तक रहा।

  • पंजाब का ब्रिटिश साम्राज्य में विलय (1849 ई.) में डलहौजी के शासन काल में हुआ।

  • राज्य हड़प नीति डलहौजी द्वारा चलाया गया था।

(B) तक्षशिला

  • तक्षशिला प्राचीन भारत में गांधार देश की राजधानी और शिक्षा का प्रमुख केंद्र था।

  • तक्षशिला की प्रथम जानकारी वाल्मीकी रामायण से मिलती है।

  • तक्षशिला का वर्णन महाभारत में परीक्षित के पुत्र जनमेजय द्वारा विजित नगरी के रूप में है।

  • तक्षशिला विश्वविघालय विश्व के प्राचीनतम विश्वविघालय में शामिल है तथा दुनिया का सबसे पहला विश्वविघालय माना जाता है।

  • इसकी स्थापना 700 ई॰पू॰ में की गई थी।

  • वर्तमान में यह जगह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के रावलपिंडी जिले की एक तहसील है और इस्लामाबाद से लगभग 35 किमी॰ दूर है।

  • ऐसा कहा जाता है कि श्री राम के भाई भरत के पुत्र तक्ष ने इस शहर की स्थापना की थी।

  • यह हिन्दू और बौद्ध दोनों के लिए महत्त्वपूर्ण केंद्र था

  • चाणक्य वहीं के स्नातक और अध्यापक थे।

  • कोसल के राजा प्रसेनजीत के पुत्र तथा बिम्बिसार के राजवैध जीवक ने तक्षशिला में ही शिक्षा पायी थी।

  • आयुर्वेद के महान विद्वान चरक ने भी तक्षशिला में ही शिक्षा ग्रहण की थी।

  • शिष्यों में सर्वाधिक प्रसिद्ध चंद्रगुप्त मौर्य, जिसने अपने गुरु के साथ मिलकर मौर्य साम्राज्य की स्थापना की।

  • अशोक के राज्य काल में तक्षशिला उत्तरापथ की राजधानी थी।

  • तक्षशिला की सबसे बड़ी विशेषता थी वहाँ पढ़ाए जाने वाले शास्त्रों में लौकिक शास्त्रों की प्रधानता।

  • पांचवीं शताब्दी में हूणों द्वारा भारत पर विध्वंसक आक्रमण किये गये जिसने तक्षशिला की सारी समृद्धि और सभ्यता को भी नष्ट कर दिया।

  • प्राचीनतम तक्षशिला के खण्डहरों की खोज का प्रयत्न सबसे पहले जनरल कनिंघम ने शुरू किया, किन्तु ठोस काम 1912 ई॰ के बाद ही भारतीय पुरातत्व विभाग की ओर से सर जॉन मार्शन के नेतृत्व में शुरू हुआ।

(C) तंजौर

  • तंजौर या तंजावुर भारत के तमिलनाडु राज्य का एक जिला है।

  • यह क्षेत्र कावेरी नदी के नदीमुख (डेल्टा) में स्थित है।

  • यह जगह चोल साम्राज्य द्वारा निर्मित वृहदेश्वर मंदिर और यहाँ पर विशेष शैली से बनने वाले पारम्परिक भारतीय चित्रों के लिए प्रसिद्ध है।

  • कावेरी के उपजाऊ डेल्टा क्षेत्र में होने के कारण इसे दक्षिण में चावल का कटोरा के नाम से भी जाना जाता है।

  • चोल वंश ने 400 वर्ष से भी अधिक समय तक तमिलनाडु पर राज्य किया।

  • वृहदेश्वर मंदिर तमिलनाडु के तंजौर जिले में स्थित प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है।

  • इस मंदिर को 11वीं सदी के आरंभ में बनाया गया था।

  • विश्व में यह अपनी तरह का पहला और एकमात्र मंदिर है जो ग्रेनाइट का बना हुआ है।

  • इस मंदिर को यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया है।

  • इस मंदिर का निर्माण महान चोल शासक राजराज प्रथम ने करवाया था। इस कारण इसे राजराजेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।

  • यह मंदिर भगवान शिव की अराधना को समर्पित है।

  • तंजौर में अन्य दर्शनीय मंदिर है — तिरूगोरिर्युर, गंगैकोंडचोलपुरम तथा दारासुमन

  • यह मंदिर द्रविड़ वास्तुकला का बेमिसाल उदाहरण है।

  • द्रविड़ शैली : यह शैली दक्षिण भारतीय हिंदू स्थापत्य कला की तीन शैलियों में से एक शैली है। यह शैली दक्षिण भारत में विकसित होने के कारण यह द्रविड़ शैली कहलाती है। तमिलनाडु व निकटवर्ती क्षेत्रों के अधिकांश मंदिर इसी श्रेणी के है। द्रविड़ शैली की शुरूआत 8वीं शताब्दी में हुई और सुदूर दक्षिण भारत में इसकी दीर्घजीविता 18वीं शताब्दी तक बनी रही। पल्लवों ने द्रविड़ शैली को जन्म दिया, चोल काल में इसने ऊँचाईयां हासिल की तथा विजयनगर काल के बाद में ह्रासमान हुई। द्रविड़ शैली की पहचान विशेषताओं में — प्राकार (चहारदीवारी), पिरामिडनुमा शिखर, मंडप (नंदी मंडप), विशाल संकेन्द्रित प्रांगण तथा अष्टकोण मंदिर संरचना होती है। द्रविड़ शैली के मंदिर बहुमंजिला होते है।

  • कावेरी नदी दक्षिण भारत में गंगा के नाम से संबोधित की जाती है।

  • कावेरी नदी चार राज्यो — तमिलनाडु, कर्णाटक, केरल, पुदुचेरी में बहती है।

  • गोदावरी नदी को दक्षिण की गंगा या वृद्ध गंगा भी कहा जाता है। इसकी उत्पत्ति पश्चिमी घाट में त्रयंबक पहाड़ी से हुई है। यह महाराष्ट्र में नासिक जिले से निकलती है।

(D) मुरादाबाद

  • मुरादाबाद उत्तर प्रदेश राज्य का एक शहर है।

  • यह 1600 में मुगल सम्राट शाहजहाँ के पुत्र मुराद बख्स द्वारा स्थापित किया गया था, जिसके कारण इसे मुरादाबाद के नाम से जाना जाने लगा।

  • रामगंगा नदी के तट पर स्थित मुरादाबाद पीतल पर की गई हस्तशिल्प के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है।

  • अमरोहा, गजरौला और तिगरी आदि यहाँ के प्रमुख पर्यटन स्थल है।

  • मुरादाबाद भारत में पीतल उघोग का केंद्र है इसलिए इस शहर को पीतल की नगरी या सिटी ऑफ ब्रास के नाम से भी जाना जाता है।



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Todays Question : -


1. भारत में पंचायती राज व्यवस्था सर्वप्रथम 1959 में कहाँ हुई थी?

(A) नागौर

(B) पंजाब

(C) हरियाणा

(D) चंडीगढ़


आप अपना उत्तर Comment Box में दे सकते है।


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7 Comments


Devendra Bijnoria
Devendra Bijnoria
Jun 13, 2021

Nagore

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Lokendra Chawda
Lokendra Chawda
Jun 07, 2021

Nagore

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kumarsuraj73062
May 16, 2021

Sir speechless h speedy ke gk/gs ka content...aur sath hi dusre content v .

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K.K. Lohani
K.K. Lohani
May 16, 2021
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Thank you for comment

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harnaam mahlawat
harnaam mahlawat
May 16, 2021

a

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Rajnish Ranjan
Rajnish Ranjan
May 16, 2021

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