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NCERT Class-6 History Chapter-1

  • Writer: K.K. Lohani
    K.K. Lohani
  • Sep 30, 2018
  • 4 min read

Updated: Mar 19, 2021

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NCERT Class – 6, History Notes अध्याय-1

क्या, कब, कहाँ और कैसे ?

संक्षिप्त नोट्स 

  • उत्तर पश्चिम की सुलेमान और किरथर पहाड़ियों में कुछ ऐसे स्थान है जहाँ लगभग आठ हजार वर्ष पूर्व स्त्री-पुरुषों ने सबसे पहले गेहूँ तथा जौ जैसी फसलो को उपजाना आरंभ किया।

  • उन्होंने भेड़, बकरी और गाय-बैल जैसे पशुओं को पालतू बनाना शुरू किया।

  • उत्तर-पूर्व में गारों तथा मध्य भारत में विंध्य पहाड़ियाँ ये कुछ ऐसे क्षेत्र थे जहाँ कृषि का विकास हुआ।

  • जहाँ सबसे पहले चावल उपजाया गया वे स्थान विंध्य के उत्तर में स्थित थे।

  • सहायक नदियाँ – सहायक नदियाँ उन्हें कहते है जो एक बड़ी नदी में मिल जाती है।

  • गंगा व इसकी सहायक नदियों के किनारे तथा समुद्र तटवर्ती इलाकों में नगरों का विकास लगभग 2500 वर्ष पूर्व हुआ।

  • गंगा के दक्षिण में इन नदियों के आस-पास का क्षेत्र प्राचीन काल में ‘मगध’ नाम से जाना जाता था।

  • दक्षिण एशिया आधुनिक भारत (पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और श्रीलंका) और अफगानिस्तान, ईरान, चीन तथा म्यांमार आदि पड़ोसी देशों को दर्शाता है।

  • दक्षिण एशिया एक महाद्वीप से छोटा है, लेकिन विशालता तथा बाकी एशिया से समुद्रों, पहाड़ियों तथा पर्वतों से बँटे होने के कारण इसे प्रायः उपमहाद्वीप कहा जाता है।

  • इंडिया शब्द इण्डस से निकला है जिसे संस्कृत में सिन्धु कहा जाता है।

  • लगभग 2500 वर्ष पूर्व उत्तर-पश्चिम की ओर से आने वाले इरानियों और यूनानियों ने सिंधु को हिंदोस अथवा इंदोस और इस नदी के पूर्व में स्थित भूमि प्रदेश को इंडिया कहा।

  • भरत नाम का प्रयोग उत्तर-पश्चिम में रहने वाले लोगों के एक समूह के लिए किया जाता था।

  • इस समूह का उल्लेेख संस्कृत के आरंभिक (लगभग 3500 वर्ष पुरानी) कृति ऋग्वेद में भी मिलता है। बाद में इसका प्रयोग देश के लिए होने लगा।

  • अतीत के जानकारी के श्रोत – अतीत में लिखी गई पुस्तकों को ढूँढ़ना और पढ़ना।


पाण्डुलिपी

  • हाथ से लिखी होने के कारण पाण्डुलिपि कहा जाता है।

  • अंग्रेजी में इसे ‘‘मैन्यूस्क्रिप्ट’’ कहा जाता है।

  • पाण्डुलिपियाँ प्रायः ताड़पत्रों अथवा हिमाचल क्षेत्र में उगने वाले भूर्ज नामक पेड़ की छाल से विशेष तरीके से तैयार भोजपत्र पर लिखी मिलती है।

  • प्रायः ये पाण्डुलिपियाँ मंदिरों और विहारो में प्राप्त होती है।

  • इन पुस्तकों में धर्मिक मान्यताओं व व्यवहारों, राजाओं के जीवन औषधियों तथा विज्ञान आदि सभी प्रकार के विषयों की चर्चा मिलती है।

  • प्राकृत भाषा का प्रयोग आम लोग करते है। लोकभाषा अथवा जनभाषा ही प्राकृत भाषा है।

  • अभिलेख पत्थर अथवा धातु जैसी अपेक्षाकृत कठोर सतहों पर उत्कीर्ण किये गये पाठन सामग्री को कहते है।

  • अतीत में बनी और प्रयोग में लाई गई वस्तुओं का अध्ययन करने वाला व्यक्ति पुरातत्त्वविद् कहलाता है।

  • पुरातत्त्वविद् पत्थर और ईंट से बनी इमारतों के अवशेषों, चित्रों तथा मूर्तियों, हथियारों, औजारों, बर्तनों, आभूषणों सिक्कों तथा जानवरों, चिड़ियों तथा मछलियों की हड्डियों आदि को ढूढ़ते और उसका अध्ययन करते है।

  • पाण्डुलिपियों, अभिलेखों तथा पुरातत्त्व से ज्ञात जानकारियों के लिए इतिहासकार प्रायः स्रोत शब्द का प्रयोग करते हैं।

  • वर्ष की गणना इसाई धर्म प्रवर्तक ईसा मसीह के जन्म की तिथि से की जाती है ईसा मसीह के जन्म के पूर्व की सभी तिथियाँ ई॰ पू॰ (ईसा से पहले) तथा ई॰ अर्थात् ईसा के जन्म के बाद के रूप में जानी जाती है।

इतिहास की तिथियाँ:-

  • अंग्रेजी में बी॰सी॰ (हिन्दी में ई॰पू॰) का तात्पर्य ‘‘बिफोर क्राइस्ट’’ (ईसा पूर्व) होता है।

  • कभी-कभी हम तिथियों से पहले ए॰डी॰ (हिन्दी में ई॰) लिखा पाते है। यह ‘‘एनो डाॅमिनी’’ नामक दो लैटिन शब्दों से बना है तथा इसका तात्पर्य ईसा मसीह के जन्म के वर्ष से है।

  • कभी-कभी ए॰डी॰ की जगह सी॰ई॰ अक्षरों का प्रयोग ‘‘काॅमन एरा’’ तथा बी॰सी॰ई॰ का ‘‘बिफोर काॅमन एरा’’ के लिए होता है। हम इन शब्दों का प्रयोग इसलिए करते है क्योंकि विश्व के अधिकांश देशों में अब इस कैलेंडर का प्रयोग सामान्य हो गया। भारत में तिथियों के इस रूप का प्रयोग लगभग दो सौ वर्ष पूर्व आरंभ हुआ था।

  • कभी-कभी अंग्रेजी के बी॰पी॰ अक्षरों का प्रयोग होता है जिसका तात्पर्य ‘‘बिफोर प्रजेन्ट’’ (वर्तमान से पहले) है।

  • कृषि का आरंभ – 8000 वर्ष पूर्व

  • सिंधु सभ्यता के प्रथम नगर – 4700 वर्ष पूर्व

  • गंगा घाटी के नगर मगध का बड़ा राज्य – 2500 वर्ष पूर्व

  • वर्तमान – लगभग 2000 वर्ष पूर्व


प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. निम्नलिखित को सुमेल करे –

उत्तर:

1. नर्मदा घाटी – आखेट तथा संग्रहण 2. मगध – पहला बड़ा राज्य 3. गारो पहाड़ियाँ – आरंभिक कृषि 4. सिन्धु तथा इसकी सहायक नदियाँ – प्रथम नगर 5. गंगा घाटी – लगभग 2500 वर्ष पूर्व के नगर

प्रश्न 2. पाण्डुलिपियो तथा अभिलेखों में एक प्रमुख अंतर बताओं। उत्तर: पाण्डुलिपियाँ ताड़पत्रों अथवा हिमालय क्षेत्र में उगने वाले भूर्ज नामक पेड़ की छाल से विशेष तरीके से तैयार भोजपत्र पर लिखी जाती थी जबकि अभिलेख पत्थर अथवा पिलर, धातु जैसे अपेक्षाकृत कठोर सतहों पर उत्कीर्ण किए जाते थे।

प्रश्न 3. रशीदा के प्रश्न को फिर से पढ़ो। इसके क्या उत्तर हो सकते है। उत्तर: रशीदा का प्रश्न है कि ‘‘सौ साल पहले कोई कैसे जान सकता है कि इतने वर्षों पहले क्या हुआ था ?’’ इतिहासकार के पास अतित को जानने के लिए विभिन्न स्रोत है जिससे वह अतित के बारे में जान सकता है जैसे – पाण्डुलिपि, सिक्के, अभिलेख या शिलालेख, पुरातात्विक जगह, वस्तुएँ इत्यादि।

प्रश्न 4. पुरातत्त्वविदो द्वारा पाई जाने वाली सभी वस्तुओं की एक सूची बनाओ। इनमें से कौन-सी वस्तुएँ पत्थर की बनी हो सकती है। उत्तर: पुरातत्त्वविद् द्वारा पाई जाने वाली वस्तुएँ इमारतो के अवशेष, मूतियाँ, बर्तन, हथियार, औजार, आभूषण, सिक्के, खिलौने, जानवरों के हड्डियाँ आदि के खोज करते है जिनमें मूर्तियाँ, औजार, खिलौने, हथियार आदि पत्थर के बनी हो सकती है।


प्रश्न 5. साधारण स्त्री तथा पुरुष अपने कार्यों का विवरण क्यों नहीं रखते थे ? इसके बारे में तुम क्या सोचती हो। उत्तर: साधारण स्त्री एवं पुरुषों का जीवन कठिनाइयों से भरा रहा होगा। आज की परिस्थितियों में देखा जाए तो आज एक साधारण स्त्री एवं पुरुष सांसारिक कार्यों में इतने व्यस्त होते है कि उन्हें दूसरी चीजें सोचने या लिखने का समय नहीं होता। अग्रलिखित दो कारण हो सकते है जिसके वजह से साधारण स्त्री एवं पुरुष विवरण नहीं रखते होंगे।

प्रश्न 6. कम से कम दो ऐसी बातों का उल्लेख करो जिससे तुम्हारे अनुसार राजाओं ओर किसानों के जीवन में भिन्नता का पता चलता है ? उत्तर: किसानो को खेतो में काम करना पड़ता है जबकि एक राजा को इससे कोई मतलब नहीं होता। एक राजा होने के नाते उसका कर्तव्य होता है वह अपने प्रजा और अपने राज्य की सीमा को सुरक्षा करे। एक किसान का कर्तव्य है वह धरती से अन्न का उत्पादन करे। एक राजा का जीवन आराम भरा होता है वहीं एक किसान को कठिन परिश्रम करना पड़ता है। अपने रोजमर्रा की जरूरतो के लिए उन्हें कठिन परिश्रम करना पड़ता है।

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