शिक्षा एवं कला-संस्कृति
- K.K. Lohani
- May 4, 2020
- 4 min read
Updated: Mar 20, 2021

शिक्षा एवं कला-संस्कृति
देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अब्दुल कलाम आजाद थे।
भारत में प्रथम राष्ट्रीय शिक्षा नीति की घोषणा 1968 ई॰ में की गई।
‘भारत में अंग्रेजी शिक्षा का मैग्नाकार्टा’ चार्ल्स वुड डिस्पैच को कहा जाता है जिसे 1854 ई॰ को जारी किया गया।
भारत में अंग्रेजी शिक्षा का सूत्रपात लॉर्ड मैकाले ने किया था।
शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी बनाने हेतु मैकाले का विवरण पत्र 1835 ई॰ में जारी किया गया।
शिक्षा में सुधार के लिए अंग्रेजी सरकार ने हंटर आयोग का गठन 1882 ई॰ में तथा सैडलर आयोग का गठन 1917 ई॰ में किया।
मुक्त विश्वविघालय सर्वप्रथम इंगलैण्ड में खोला गया।
देश का प्रथम मुक्त विश्वविघालय डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर मुक्त विश्वविघालय की स्थापना 26 अगस्त, 1982 ई॰ को हुआ था।
इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविघालय ‘इग्नू’ (मु.—नई दिल्ली) की स्थापना 1985 में हुई।
विश्वविघालय अनुदान आयोग (UGC) की स्थापना 1956 में हुई थी।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् (NCERT) की स्थापना 1961 को हुई।
राष्ट्रीय साक्षरता मिशन की शुरूआत 1988 ई॰ में हुई थी।
भारतीय शिक्षा को 10+2+3 का सुझाव कोठारी आयोग ने दिया था
ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड नामक कार्यक्रम 1987-88 में लागू हुआ था।
केन्द्रीय अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा संस्थान तथा ‘इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस’ हैदराबाद में है।
विश्व—भारती विश्वविघालय की स्थापना रवीन्द्रनाथ टैगोर ने की थी।
भारतीय विश्वविघालय आयोग का गठन 1902 ई॰ में किया गया।
आजादी के बाद शिक्षा में सुधार के लिए सरकार ने राधाकृष्णन आयोग का गठन 1948-49 ई॰ में किया था।
भारत में सर्वप्रथम IIT खड़गपुर की स्थापना 1951 ई॰ में हुई थी।
भारत के प्रथम इंजीनियरिंग कॉलेज रूड़की की स्थापना 1847 में हुई।
‘फोर्ट विलियम कॉलेज’ की स्थाना 1800 ई॰ में कोलकाता में हुआ था।
जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविघालय की स्थापना 1920 में मोहम्मद अली जौहर ने की।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम 1 अप्रैल, 2010 से लागू हुआ है।
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 11 नवम्बर को मनता है।
भरतनाट्यम तमिलनाडु का प्रमुख शास्त्रीय नृत्य है जिसे ‘कर्नाटक संगीत’ के माध्य से एक व्यक्ति प्रस्तुत करता है।
भरतनाट्यम के तीन प्रमुख घराना है — तंजौर, कांचीपुरम् एवं पण्डनलूर।
ई॰ कृष्ण अय्यर तथा यामिनी कृष्ण मूर्ति भरतनाट्यम के प्रमुख कलाकार है।
‘कथकली’ केरल का प्रमुख शास्त्रीय नृत्य है।
कथकली की गीतों की भाषा मलयालम् है।
1968 में हिन्दी गीतों पर पहली बार कथकली प्रस्तुत की गई थी।
कथकली मंच पर काले वस्त्रों का प्रयोग होता है।
कथक उत्तर भारत का प्रमुख शास्त्रीय नृत्य है।
कुचीपुड़ी आंध्र प्रदेश का प्रमुख शास्त्रीय नृत्य है।
वल्लत्तोल नारायण मेनन, आनन्द शिवरामन, माधवन, कृष्णन कुटृी कथकली के प्रमुख कलाकार हैै।
ओडिसी ओडीसा में प्रचलित नृत्य कला की प्राचीन शैली है।
ओडिसी नृत्य पूर्णतः ‘आराधना का नृत्य’ है।
सोनल मानसिंह, केलुचरण महापात्र तथा कालीचरण पटनायक ओडिसी नृत्य के प्रमुख कलाकार है।
भारतीय शास्त्रीय नृत्य में 9 रस है।
मोहिनीअटृम नृत्य का संबंध केरल से हैै।
यक्षगान कर्नाटक का प्रमुख लोक नृत्य है।
यक्षगान में नृत्य और गान का संगम होता है।
जात्रा पश्चिम बंगाल का लोकनाट्य है।
हरि प्रसाद चौरसीया एक प्रसिद्ध बाँसुरी वादक है।
शिवकुमार शर्मा का संबंध ‘संतुर’ से है।
अजंता तथा एलोरा की गुफा औरंगाबाद (महाराष्ट्र) में है।
नागर शैली (स्थापत्य शैली) का प्रसार हिमालय से लेकर विंध्य पर्वतमाला तक है।
मुक्तेश्वर मंदिर (ओडिसा), लिंगराज मंदिर (भुवनेश्वर, ओडिसा), खजुराहो का मंदिर (मध्य प्रदेश) नागर शैली का उदाहरण है।
नागर वास्तुकला शैली सही रूप में गुप्त काल में प्रकट हुई।
कांचीपुरम् तथा एलोरा का कैलाश मंदिर, और तंजौर का वृहदेश्वर मंदिर द्रविड़ शैली का उत्कृष्ट उदाहरण है।
नागर एवं द्रविड़ शैली के मिश्रित रूप वेसर शैली कहलाता है।
कुक्कानुर का कालीश्वर मंदिर और लक्कुड़ी का जैन मंदिर वेसर शैली के उदाहरण है।
सल्तनत कालीन वास्तुकला का भव्य नमूना दिल्ली स्थित कुतुबमीनार है।
कला की गांधार शैली का विकास कुषाण के समय में हुआ।
संविधान के भाग—17 के अनुच्छेद 343 (1) के अनुसार संघ की राजभाषा ‘हिन्दी’ और लिपि ‘देवनागरी’ घोषित की गई है।
संघ की राजभाषा के रूप में ‘हिन्दी’ को 14 सितम्बर, 1949 को मान्यता प्रदान की गई।
भारत में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा हिन्दी तथा दूसरा बांग्ला है।
भारत की तेलगु भाषा को ‘इटालियन ऑफ द ईस्ट’ कहा जाता है।
पंजाबी भाषा गुरूमुखी लिपि में लिखी जाती है।
संविधान के अष्ट्म अनुसूची में 22 भाषाओं को मान्यता प्राप्त है जबकि मूल में 14 थी।
राजभाषा आयोग का गठन 1955 में किया गया था जिसके अध्यक्ष बी॰ जे॰ खेर थे।
हिन्दी दिवस 14 सितम्बर तथा अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 21 फरवरी को मनाया जाता है।
अंग्रेजी को नागालैण्ड एवं मेघालय में तथा उर्दू को जम्मू—कश्मीर में राजभाषा का दर्जा प्राप्त है।
भारत के प्रथम राष्ट्रकवि मैथलीशरण गुप्त है जिन्हें ‘आधुनिक युग का तुलसी’ कहा जाता है।
‘आधुनिक युग की मीरा’ के रूप में महादेवी वर्मा को तथा ‘भारतीय आत्मा’ के रूप में माखनलाल चतुर्वेदी को जाना जाता है।
संस्कृत व्याकरण के जनक पाणिनि है।
विश्व का आदि महाकाव्य रामायण को एवं आदिकवि वाल्मिकी को माना जाता है।
सुमित्रानंदन पंत ‘सुकुमार कवि’ कहलाते है।
रामायण मुलतः संस्कृत भाषा में जबकि रामचरित मानस अवधि भाषा में लिखी गई थी।
संसार का सबसे बड़ा महाकाव्य ‘महाभारत’ है।
हिन्दी का प्रथम बड़ा महाकाव्य पृथ्वी राजरासो है।
महाभारत के रचयिता महर्षि वेद व्यास थे।
हिन्दी भाषा ‘इंडो-यूरोपीयन’ से संबंधित है।
कालिदास भारत का शेक्सपीयर कहलाते है।
विश्व की सबसे प्राचीन भाषा सुमेरियन है।
‘केन्द्रीय अंग्रेजी व विदेशी भाषा संस्थान’ हैदराबाद में है, जबकि ‘इंस्टीच्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज’ शिमला में अवस्थित है।
भारत में आधुनिक शिक्षा के जन्मदाता चार्ल्स ग्राण्ट (1792) है।
‘भारत का आईस्टीन’ नागार्जुन को तथा ‘कलम का सिपाही’ मुंशी प्रेमचंद को कहा जाता है।
हिन्दी में आशुलिपि के जन्मदाता राधेलाल द्विवेदी है।
प्रथम हिन्दु विधि निर्माता ‘मनु’ थे।
देश का प्रथम विश्वविघालय नालंदा विश्वविघालय है जिसकी स्थापना गुप्त शासक कुमार गुप्त प्रथम ने 450 ई. में किया था।
विक्रमशिला विश्वविघालय की स्थापना पाल शासक धर्मपाल ने नवीं शताब्दी में की थी।
प्रथम हिन्दी सम्मेलन भारत में 1975 ई॰ में नागपुर में हुआ था।
वेटिकन सिटी में विश्व की सभी भाषाएँ मान्य है।
Comments